मैंने अपने चचेरे भाई के बाथरूम में एक छिपे हुए कैमरे पर ठोकर मारी, जिसका उद्देश्य दर्पण था। उसके अनजाने में खुद को मेरे सामने उजागर करने का विचार रोमांचकारी था। मैंने देखा कि वह जैसे-जैसे झड़ती है, उसकी साबुन से सनी हुई उंगलियां उसके शरीर की खोज करती हैं, उसकी मासूमियत फिल्म पर कैद हो जाती है।