एक युवा, कुंवारी मॉर्मन किशोरी अपने कमरे में अकेले रहते हुए अपने पहले संभोग सुख का अनुभव करती है। जब चर्च अध्यक्ष अप्रत्याशित रूप से आते हैं, तो वह फैसले से डरती है और घबरा जाती है। उसके सौतेले पिता उसे आश्वस्त करते हैं, जिससे एक हॉट सत्र शुरू होता है, जिससे उसकी मासूमियत साबित होती है और एक उग्र जुनून भड़क उठता है।