18 वर्षीय मैलेना मॉर्गन आत्म-आनंद में लिप्त है, अपने शरीर की कामुकता का पता लगाती है। उसकी उंगलियां उसकी निर्दोष त्वचा का पता लगा देती हैं, उसके तड़पते अमृत तक पहुंचती हैं, परमानंद की लहरों को प्रज्वलित करती हैं। एक मनोरम एकल प्रदर्शन जो दर्शकों को बेदम कर देता है।