तीन महिलाएं एक एक एकांत शिविर में आत्म-खोज और आनंद की यात्रा पर निकलती हैं। वे एक-दूसरे के शरीर का पता लगाते हैं, भावुक मुठभेड़ों में लिप्त होते हैं, हर साझा कराह और हांफ के साथ अपनी इच्छाओं को तेज करते हैं। यह सिर्फ एक यौन जागृति नहीं है, बल्कि एक परिवर्तनकारी अनुभव है।