मैंने किचन के काउंटर पर अपनी नीच सास की टाइट चूत को ड्रिल किया.वो मजे में तड़पती हुई उसे तरसा रही थी, उसका बदन मजे में छटपटा रहा था.उसका पर्याप्त भोसड़ा उफनता हुआ मेरी मर्दानगी, उसके माहिर होंठों और जीभ को खा जाने से मुझे जंगली बना रहा था.यह वासना और चाहत का एक शारीरिक दावत था.